Hanuman Chalisa Lyrics | Meaning | English | Hindi | Benefits

Singer | Gulshan Kumar |
Music | Shree Hanuman Chalisa |
Song Writer | Gulshan Kumar |
Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप ।।
Hanuman Chalisa Lyrics In English
Doha
ShriGurucharansaroja-raj
Nijamanumukurasudhaari
Baranaurahubharabimalajasu
Jodayakaphalachari
Budhee-heenthanujanike
Sumirowpavanakumara
Bala-budheevidyadehoomohee
Harahukaleshabikaara
Chopai
JaiHanumangyangunsagar
JaiKapistihunlokujagar|| 1 ||
Ramdootatulitbaldhama
Anjaani-putraPavansutnama|| 2 ||
MahabirBikramBajrangi
KumatinivarsumatiKesangi|| 3 ||
Kanchan baran birajsubesa
KananKundalKunchitKesha|| 4 ||
HathBajraAurDhvajaViraje
Kaandhemoonjjaneusajai|| 5 ||
SankarsuvankesariNandan
Tejprataapmahajagbandan|| 6 ||
Bidyavaanguniatichaatur
Ramkajkaribekoaatur|| 7 ||
Prabhucharitrasunibe-korasiya
RamLakhanSitamanBasiya|| 8 ||
SukshmaroopdhariSiyahidikhava
Bikatroopdharilankajarava|| 9 ||
Bhimaroopdhariasursanhare
Ramachandrakekajsanvare|| 10 ||
LayeSanjivanLakhanJiyaye
ShriRaghubirHarashiurlaye|| 11 ||
RaghupatiKinhibahutbadai
TummampriyBharat-hi-sambhai|| 12 ||
Sahasbadantumharojasgaavai
Asa-kahiShripatikanthlagaavai|| 13 ||
SanakadhikBrahmaadiMuneesa
Narad-SaradsahitAheesa|| 14 ||
JamaKuberDigpaalJahante
Kavikovidkahisakekahante|| 15 ||
TumupkarSugreevahinkeenha
Rammilayerajpaddeenha|| 16 ||
TumharomantraBibheeshanmaana
LankeshwarBhayeSub jagjana|| 17 ||
JugsahasrajojanparBhanu
Leelyotahimadhurphaljanu|| 18 ||
Prabhumudrikamelimukhmahee
Jaladhilanghigayeachrajnahee|| 19 ||
Durgaamkajjagathkejete
Sugamanugrahatumhretete|| 20 ||
Ramduaaretumrakhvare
Hoatnaagyabinupaisare|| 21 ||
Subsukhlahaetumharisarna
Tumracchakkahukodarnaa|| 22 ||
Aapantejsamharoaapai
Teenhonlokhanktekanpai|| 23 ||
BhootpisaachNikatnahinaavai
Mahavirjabnaamsunavae|| 24 ||
Nasaerogharaesabpeera
JapatnirantarHanumantbeera|| 25 ||
SankatseHanumanchudavae
ManKrambachandhyanjolavai|| 26 ||
Sabpar Ramtapasveeraja
TinkekajsakalTumsaja|| 27 ||
Aurmanorathjokoilavai
Sohiamitjeevanphalpavai|| 28 ||
Charonjugpartaptumhara
Haipersidhjagatujiyara|| 29 ||
SadhuSantketumRakhware
AsurnikandanRamdulhare|| 30 ||
Ashta-sidhinavnidhikedata
As-baradeenJanakimata|| 31 ||
Ramrasayantumharepasa
SadarahoRaghupatikedasa|| 32 ||
TumharebhajanRamkopavai
Janam-janamkedukhbisraavai|| 33 ||
Anth-kaalRaghubarpurjayee
JahanjanamHari-BakhtKahayee|| 34 ||
AurDevtaChitnadharehi
Hanumatse hisarvesukhkarehi|| 35 ||
Sankatkate-mitesabpeera
JosumiraiHanumatBalbeera|| 36 ||
Jai Jai JaiHanumanGosain
KripaKarahuGurudevkinain|| 37 ||
Jo sat bar pathkarekohi
Chutahibandhimahasukhhohi|| 38 ||
Jo yahpadhaeHanumanChalisa
HoyesiddhisaakhiGaureesa|| 39 ||
Tulsidassadaharichera
KeejaiNathHridayemaheindera|| 40 ||
Doha
PavanTanaySankatHarana,MangalaMuratiRoop|
RamLakhanaSitaSahita,HridayBasahuSoorBhoop||
हनुमान चालीसा के जाप के दुर्लभ और गुप्त लाभ
हनुमान चालीसा के पीछे की कहानी
हनुमान चालीसा के छिपे हुए दिव्य रहस्य
ज्योतिषीय महत्व
Translation results
शनि और मंगल ग्रह से पीड़ित लोगों को सकारात्मक परिणामों के लिए चालीसा का पाठ करना चाहिए।
हनुमान चालीसा का जाप कब करें
हनुमान चालीसा पढ़ने के फायदे
शनि के प्रभाव को कम करने के लिए
बुरी आत्माओं को दूर करने के लिए
क्षमा के लिए प्रार्थना करने के लिए
बाधाओं को नष्ट करने के लिए
तनावमुक्त करने के लिए
सुरक्षित यात्रा के लिए
हमारी हर मनोकामना पूर्ण करने के लिए
बुद्धि और शक्ति प्राप्त करने के लिए
दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए
एक व्यक्ति को सुधारने के लिए
एकता को बढ़ावा देने के लिए
नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर भगाने के लिए
इसके अलावा यहां जानिए हनुमान चालीसा के जाप के अन्य फायदे:
HANUMAN KI AARTI | AARTI HANUMAN JI KI | MEANING IN HINDI
Meaning of Hanuman Chalisa In Hindi
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।
अर्थ- श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूं, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।>
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।
अर्थ- हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन करता हूं। आप तो जानते ही हैं कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुखों व दोषों का नाश कार दीजिए।
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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥1॥
अर्थ- श्री हनुमान जी! आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।
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राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥
अर्थ- हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।
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महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥
अर्थ- हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालों के साथी, सहायक है।
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कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥
अर्थ- आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।
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हाथबज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मूंज जनेऊ साजै॥5॥
अर्थ- आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।
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शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥
अर्थ- शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।
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विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥7॥
अर्थ- आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम के काज करने के लिए आतुर रहते है।
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प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥8॥
अर्थ- आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते है। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते है।
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सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥
अर्थ- आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।
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भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥
अर्थ- आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया।
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लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥
अर्थ- आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।
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रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥
अर्थ- श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा कि तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।
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सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥13॥
अर्थ- श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।
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सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥
अर्थ- श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।
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जम कुबेर दिगपाल जहां ते, कबि कोबिद कहि सके कहां ते॥15॥
अर्थ- यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।
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तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥
अर्थ- आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बने।
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तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥
अर्थ- आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।
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जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥
अर्थ- जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है कि उस पर पहुंचने के लिए हजार युग लगे। दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।
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प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥
अर्थ- आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुंह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।
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दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥
अर्थ- संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।
राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसा रे॥21॥
अर्थ-
श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले है, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात् आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥
अर्थ-
जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आनन्द प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।
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आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक तें कांपै॥23॥
अर्थ-
आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक कांप जाते है।
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भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥
अर्थ-
जहां महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहां भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।
****
नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥
अर्थ-
वीर हनुमान जी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।
****
संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥
अर्थ-
हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब
संकटों से आप छुड़ाते है।
****
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥
अर्थ-
तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया।
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और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥
अर्थ-
जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करें तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।
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चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥29॥
अर्थ-
चारो युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।
****
साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥
अर्थ-
हे श्री राम के दुलारे! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।
****
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥31॥
अर्थ-
आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते
है।
1.) अणिमा- जिससे साधक किसी को दिखाई नहीं पड़ता और कठिन से कठिन पदार्थ में प्रवेश कर जाता है।
2.) महिमा- जिसमें योगी अपने को बहुत बड़ा बना देता है।
3.) गरिमा- जिससे साधक अपने को चाहे जितना भारी बना लेता है।
4.) लघिमा- जिससे जितना चाहे उतना हल्का बन जाता है।
5.) प्राप्ति- जिससे इच्छित पदार्थ की प्राप्ति होती है।
6.) प्राकाम्य- जिससे इच्छा करने पर वह पृथ्वी में समा सकता है, आकाश में उड़ सकता है।
7.) ईशित्व- जिससे सब पर शासन का सामर्थ्य हो जाता है।
8.) वशित्व- जिससे दूसरों को वश में किया जाता है।
****
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥
अर्थ-
आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।
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तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥
अर्थ-
आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते है और जन्म जन्मांतर के दुख दूर होते है।
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अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहां जन्म हरि भक्त कहाई॥34॥
अर्थ-
अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलाएंगे।
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और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥
अर्थ-
हे हनुमान जी! आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।
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संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥
अर्थ-
हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।
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जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥
अर्थ-
हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझ पर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।
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जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई॥38॥
अर्थ-
जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बंधनों से छूट जाएगा और उसे परमानन्द मिलेगा।
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जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा॥39॥
अर्थ-
भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।
****
तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मंह डेरा॥40॥
अर्थ-
हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है। इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।
****
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सूरभूप॥
अर्थ-
हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनंद मंगलों के स्वरूप हैं। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।
Hanuman Ki Aarti | Aarti Hanuman Ji KI | Meaning In Hindi
Singer | Hariharan |
Singer | T-Series |
Music | : आरती कीजै हनुमान लला की,hanuman Aarti |
Song Writer | Traditional |
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
Hanuman Ji Ki Aarti In English Lyrics
Aarti Kije Hanuman Lala Ki।
Dusht Dalan Ragunath Kala Ki॥
Jake Bal Se Girivar Kaanpe।
Rog Dosh Ja Ke Nikat Na Jhaanke॥
Anjani Putra Maha Baldaaee।
Santan Ke Prabhu Sada Sahai॥
De Beera Raghunath Pathaaye।
Lanka Jaari Siya Sudhi Laaye॥
Lanka So Kot Samundra-Si Khai।
Jaat Pavan Sut Baar Na Lai॥
Lanka Jaari Asur Sanhare।
Siyaramji Ke Kaaj Sanvare॥
Lakshman Moorchhit Pade Sakaare।
Aani Sajeevan Pran Ubaare॥
Paithi Pataal Tori Jam-kaare।
Ahiravan Ke Bhuja Ukhaare॥
Baayen Bhuja Asur Dal Mare।
Daahine Bhuja Santjan Tare॥
Sur Nar Muni Aarti Utare।
Jai Jai Jai Hanuman Uchaare॥
Kanchan Thaar Kapoor Lau Chhaai।
Aarti Karat Anjana Maai॥
Jo Hanumanji Ki Aarti Gaave।
Basi Baikunth Param Pad Pave॥
श्री हनुमान जी की आरती का प्रतिदिन जप करने से जाने-अनजाने किसी का अपमान करने से आपके भीतर उत्पन्न हुए सभी पाप दूर हो जाएंगे। यह पोस्ट आपको अर्थ के साथ अंग्रेजी में व्यापक श्री हनुमान आरती प्रदान करेगी। ऐसा माना जाता है कि श्री हनुमान जी की आरती का जाप करने से आपको अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलेगी और आपको शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होगी।
श्री हनुमान जी की आरती विधि और लाभ प्रत्येक भक्त को अवश्य पढ़ना चाहिए
श्री हनुमान जी की आरती कैसे करें?
श्री हनुमान जी की आरती के लाभ
Hanuman Ki Aarti | Aarti Hanuman Ji KI | Meaning In Hindi
हनुमान जी के बारे में कुछ बातें
हनुमान (/ hʌnʊˌmɑːn /; संस्कृत: हनुमान, आईएएसटी: हनुमान) एक हिंदू देवता और भगवान राम के दिव्य वानर साथी हैं।
हनुमान हिंदू महाकाव्य रामायण के केंद्रीय पात्रों में से एक हैं। वह राम के प्रबल भक्त और चिरंजीवी में से एक हैं।
हनुमान पवन-देवता वायु के पुत्र भी हैं, जिन्होंने कई कहानियों में हनुमान के जन्म में प्रत्यक्ष भूमिका निभाई।
महाकाव्य महाभारत और विभिन्न पुराणों जैसे कई अन्य ग्रंथों में हनुमान का उल्लेख किया गया है।
इन ग्रंथों के साथ-साथ अधिकांश पुरातत्व स्थलों में भी हनुमान की भक्तिपूर्ण पूजा के साक्ष्य काफी हद तक अनुपस्थित हैं।
एक अमेरिकी इंडोलॉजिस्ट फिलिप लुटगेंडॉर्फ के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में इस्लामी शासन के आगमन के बाद, दूसरी सहस्राब्दी सीई में, रामायण की रचना के लगभग 1,000 साल बाद हनुमान का धार्मिक महत्व और उनके प्रति समर्पण का उदय हुआ।
लुटगेंडॉर्फ यह भी लिखते हैं कि हनुमान के जीवन में कौशल भी उनके हवादार विरासत से प्राप्त होते हैं, जो शरीर और ब्रह्मांड दोनों में वायु की भूमिका को दर्शाते हैं।
समर्थ रामदास जैसे भक्ति आंदोलन संतों ने हनुमान को राष्ट्रवाद और उत्पीड़न के प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में स्थान दिया है।
वैष्णव संत माधव ने कहा कि जब भी विष्णु पृथ्वी पर अवतार लेते हैं, वायु उनका साथ देते हैं और धर्म को बनाए रखने के उनके काम में सहायता करते हैं।
आधुनिक युग में, हनुमान की प्रतिमा और मंदिर तेजी से आम हो गए हैं।
उन्हें शक्ति और भक्ति के रूप में "शक्ति, वीर पहल और मुखर उत्कृष्टता" और "अपने व्यक्तिगत भगवान राम के प्रति प्रेम, भावनात्मक भक्ति" के आदर्श संयोजन के रूप में देखा जाता है।
बाद के साहित्य में, उन्हें कभी-कभी मार्शल आर्ट जैसे कुश्ती और कलाबाजी, साथ ही ध्यान और मेहनती छात्रवृत्ति जैसी गतिविधियों के संरक्षक देवता के रूप में चित्रित किया जाता है।
वह आंतरिक आत्म-नियंत्रण, विश्वास और एक कारण के लिए सेवा की मानवीय उत्कृष्टता का प्रतीक है, जो एक वानर-वानर की तरह दिखने वाले व्यक्ति के पहले छापों के पीछे छिपा हुआ है।
हनुमान को कुंवारा और अनुकरणीय ब्रह्मचारी माना जाता है।
कुछ विद्वानों ने हनुमान को चीनी महाकाव्य एडवेंचर जर्नी टू द वेस्ट में बंदर राजा चरित्र सन वुकोंग के लिए एक संभावित प्रेरणा के रूप में पहचाना है।